धनु राशि के व्यक्ति का स्वभाव: धनु राशि का राशि प्रतिक एक धनुर्धन है ।यह धनुर्धन जिसका ऊपर का हिस्सा तो मनुष्य का है लेकिन निचला हिस्सा एक घोड़े का है। इस प्रकार यह मनुष्य और पशु की ऊर्जा का मिश्रण है।इसका चिन्ह यह दर्शाता है की जातक लक्ष्य को पाना चाहते है लेकिन उनका लक्ष्य निर्धारित नहीं। अगर यह जातक लक्ष्य को निर्धारित कर ले तब यह सतत प्रयास से उसे प्राप्त कर सकते है।काल पुरुष की कुंडली में धनु राशि का स्थान नोवे भाव का होता है। 9वा स्थान भाग्य का स्थान होता है।
धनु राशि के व्यक्ति का स्वभाव
- धनु राशि वाले कभी-कभी बेचैन और चिंतित हो जाते हैं।
- यह दोहरी मानसिकता, हरफनमौला, प्रत्येक विषय सीखने को इच्छुक, प्रसन्नचित रहने वाले होते है।
- यह कानून का पालन करने वाले, अदालतों से दूर रहते हैं।
- सादे जीवन से प्रसन्न, समय के अनुसार अपने को ढाल लेते हैं।
- कला और काव्य के प्रेमी, सृजानात्मक प्रतिभा के धनी होते है ।
- पराविद्या और दर्शनशास्त्र में रूचि होती है।
- धनु राशि अग्नि तत्व राशि है जिसका स्वाभाव द्वी स्वाभाव है ।
- इस राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति है। इस राशि के जातको को अपने ज्ञान का प्रयोग उचित तरीके से प्रयोग करते हुए देखा गया है।
- यह हमेशा अपने आप को बेहतर बनाना चाहते है अपने आप को धार्मिक ,आध्यात्मिक उन्नति देना चाहते है।
- इनका नजरिया सकारात्मक होता है अपने जीवन को सकारात्मक तरीके से देखते है। लेकिन अगर नकारात्मकता में आ जाते है तो इससे बहार निकलने पर इनका उत्थान होता है।
- यह चंचल स्वाभाव के होते है।प्रायः धार्मिक ,बुद्धिमान,इंजीनियर होते है ऐसे इंजीनियर होते है जो धार्मिक ज्ञान लिए होते है।
- यह जीवन में किसी चीज पर प्रेक्टिकल कर के ही उस पर विश्वास करते है ।
- इनमे हमेशा नया सिखने की इच्छा होती है। यह किसी से भी तर्क-वितर्क कर सकते है।
- यह आशावादी ,प्रेरणादायक और खर्चीले स्वाभाव के होते है कमाते भी खूब है और खर्च भी खूब करते है ।
- साहसी होते है और अपने अनुभव को दूसरे को बताते है।
- यह जीवन में अपने लक्ष्य को लेकर प्लान बनाते है।
- प्रायः खाली समय में इन्हे मौज मस्ती करना पसंद है।
शारीरिक संरचना: इनकी सुंदर, सुविकसित आकृति, बदामी आंखे, भूरे बाल, धनी और ऊॅची भौंहें, लंबा चेहरा लंबी नाक, सुन्दर आकृति, चाल, सीधी नहीं होती है। मोटे, होंठ, नाक, कान और दांत।कद लम्बा और शरीर मजबूत होता है। मधुर मुस्कान और आंखे चमक लिए होती है। इनकी आवाज कर्णप्रिय और व्यक्तित्व आकर्षक होता है। भीड़ में भी इनकी अलग पहचान होती है।
धनु राशि का चिन्ह:धनु राशि का चिन्ह एक धनुर्धन होता है जिसे अंग्रेजी में Sagittarius कहा जाता है। यही धनुर्धन जिसका आधा शरीर मनुष्य का और आधा घोड़े का होता है। और जो अपने लक्ष्य की खोज की और है।
धनु राशि का स्वामी:धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति होते है।
धनु राशि तत्व:धनु राशि एक अग्नि तत्व राशि है।
धनु राशि के इष्ट देवता:मंगलमूर्ति हनुमान जी और भगवन विष्णु धनु राशि के इष्ट देवता होते है।
धनु का रंग:बृहस्पति और अग्नि से से युक्त यानि पीला और नारंगी
धनु राशि का व्यवसाय: धनु राशि के लोग ब्राह्मण का कार्य , धर्मोपदेश का कार्य , धर्मार्थ संस्थान , धार्मिक व्यवसाय , कर्मकाण्ड , ज्योतिष , राजनीति , न्यायालय संबंधित कार्य , नयायाधीश , कानून , वकील , बैंकिंग कार्य , कोशाध्यक्ष , राजनीति , अर्थशास्त्र , पुराण , मांगलिक कार्य , अध्यापन कार्य , शिक्षक , शिक्षण संस्थाएं , पुस्तकालय , प्रकाशन , प्रबंधन , पुरोहित , किताबों से संबंधित कार्य , परामर्श कार्य , पीले पदार्थ , स्वर्ण , संपादन , छपाई , कागज से संबंधित कार्य , गृह निर्माण , उत्तम फर्नीचर, शयन उपकरण , सभी प्रकार के फल , मिठाइयाँ , मोम ,घी,किराना इत्यादि में अपना रोजगार निर्धारित करते है।
धनु राशि के संभावित रोग: धनु राशि जातको में अक्सर साइटिका, गठिया का दर्द, कूल्हे की हड्डी टूटना, गाउट, फेफड़ों की व्याधि आदि रोग देखे गए है।
धनु राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह: धनु राशि केतु की उच्च राशि है। वही राहु धनु राशि में नीच का हो जाता है। तथा धनु गुरु की मूल राशि है।
धनु राशि के लिए मंत्र: ॐ श्रीं देवकृष्णाय ऊर्ध्वषंताय नमः
धनु राशि के लिए धातु: सोना मूल धातु मानि गयी है।
धनु राशि के लिए रत्न: पुखराज मूल रत्न मन गया है।
धनु राशि के लिए रुद्राक्ष: पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में बताया गया है।
धनु राशि की दिशा: पूर्व दिशा
धनु की मित्र राशियाँ: मेष, कर्क, सिंह व वृश्चिक
धनु की शत्रु राशियाँ: वृषभ, मिथुन, मीन, कन्या तथा तुला राशि
धनु राशि नाम अक्षर: ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे है।
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